तरुण मित्र परिषद

समाचार
लक्ष्मी नगर, दिल्ली-
नि:शुल्क पुस्तकें, स्टेशनरी व छात्रवृत्तियां वितरित
आज यहां अखिल भारतीय संस्था तरुण मित्र परिषद द्वारा साधनहीन विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकें, स्टेशनरी व छात्रवृत्तियां वितरित की गईं । तरुण मित्र परिषद कार्यालय सभागार में आयोजित नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें स्टेशनरी व छात्रवृत्तियां वितरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक अभय वर्मा ने कहा कि तरुण मित्र परिषद गत 47 वर्षों से निरन्तर व निर्विघ्न समाज के पीड़ित एवं जरूरतमंद मानवों की सेवा कार्यों में संलग्न है, अति प्रशंसनीय है । उन्होंने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिस तरह आज परिषद आपके अध्ययन में सहयोग कर रही है , आप भी भविष्य में और जरूरतमंद बच्चों की मदद करना । कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष मनोज जैन ने की । परिषद के महासचिव अशोक जैन ने बताया कि इस कार्यक्रम मे लगभग 70 साधनहीन विद्यार्थियों को जीवन पब्लिशिंग हाउस द्वारा जे पी एच की सहायक पुस्तकें, धर्मपाल सत्यपाल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा रजिस्टर व कापियां, परिषद की संरक्षिका सुधा गुप्ता परिवार द्वारा स्कूल बैग व स्टेशनरी, मास्क आदि के साथ सभी विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता हेतु रु. एक लाख पचास हजार से अधिक मूल्य की छात्रवृत्तियां भी प्रदान की गईं । इस अवसर पर कक्षाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 5 मेधावी विद्यार्थियों को रजत पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में पूर्व निगम पार्षद हिमांशी पाण्डेय, उपाध्यक्ष अशोक कुमार जैन, सहसचिव आलोक जैन, संगठन सचिव राकेश जैन, रविन्द्र जैन, अजय जैन, महेश जैन, राम अवतार शर्मा, विनीत शर्मा, विक्रम सेठी आदि अनेकों गणमान्य अतिथि उपस्थित थे ।
अंत में परिषद के अध्यक्ष मनोज जैन ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि परिषद द्वारा इस शैक्षणिक सत्र मे लगभग 500 साधनहीन विद्यार्थियों की सहायता की गई है ।
अशोक जैन महासचिव

श्री विक्रम सेठी जी”नोएडा द्वारा छात्रा नंदिनी जो की कक्षा 11 आट्स में अध्ययन कर रही है परिवार की आर्थिक स्थिति सही ना होने के कारण एवं बच्ची पितहीन है और अपनी पढ़ाई जारी रखने में असुविधा हो रही थी, श्री विक्रम सेठी जी ने तत्काल बच्ची से संपर्क किया और कक्षा 11 आट्स कोर्स का पूरा सेट एवं 6 रजिस्टर,बसता ,जेमिटरी बाक्स एवं 1100/- रूपए छात्रवृत्ति तरूण मित्र परिषद से बच्ची को दिलवाई ताकि बच्ची की पढ़ाई में कोई व्यवधान पैदा ना हो सके

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